फार्मेसी प्लेटफॉर्म फार्मइजी (PharmEasy) की पैरेंट (Parent) कंपनी एपीआई होल्डिंग्स (API Holdings) आईपीओ (IPO) लाने जा रही है। कंपनी (company) ने आईपीओ (IPO) के ज़रिए Rs.6,250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार (Market) नियामक सेबी के पास अपना ड्राफ्ट (Draft) पेपर सबमिट (Submit) कर दिया है. रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मसौदे के अनुसार (, According) , इस आईपीओ (IPO) के तहत पूरी तरह फ्रेश शेयर (fresh share) जारी किए जाएंगे। कंपनी (Company) Rs.1,250 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों (Equity share) के प्राइवेट प्लेसमेंट (Placement) पर विचार कर सकती है, अगर प्री-आईपीओ (Pre-IPO) प्लेसमेंट (placement) किया जाता है, तो इश्यू (Issue) का आकार कम हो जाएगा।
कहां होगा फंड (Fund) का इस्तेमाल (Use)
कंपनी (Company) आईपीओ से जुटाए गए फंड (Fund) में से Rs.1,929 करोड़ रुपये का इस्तेमाल (Use) बकाया ऋण को चुकाने (invest) के लिए करेगी। इसके अलावा, (Apart ) Rs.1,259 करोड़ रुपये का इस्तेमाल (Use) ऑर्गेनिक ग्रोथ इनिशिएटिव (Initiative) लिए, Rs.1,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल (Use) अधिग्रहण और अन्य स्ट्रैटेजिक (Statagic) इनिशिएटिव के ज़रिए इनऑर्गेनिक (inorganic) ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए व सामान्य (, normal) कॉर्पोरेट उद्देश्यों (Aim) के लिए किया जाएगा।
एपीआई होल्डिंग्स (API Holding) एक लीडिंग डिजिटल (Digital) हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म (Platform) है। इसके निवेशकों में Prosus Ventures (पूर्व में Naspers Ventures), TPG Growth, Temasek, CDPQ, LGT Lightrock, Eight Roads and Think Investments शामिल (together) हैं। सिटीग्रुप ग्लोबल (Global) मार्केट्स इंडिया, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड (JM financial Ltd) , कोटक महिंद्रा कैपिटल, मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) इंडिया और BoFA सिक्योरिटीज (Securities) इंडिया इस इश्यू के बुक रनिंग (reading) लीड मैनेजर (Manager) हैं। जून में, PharmEasy ने घोषणा (statement) की थी कि वह डायग्नोस्टिक चेन (Chain) थायरोकेयर में 4,546 करोड़ रुपये में एक नियंत्रित (Control) हिस्सेदारी हासिल (together) करेगी।
थायरोकेयर (Thyrocare) का किया अधिग्रहण
PharmEasy और Thyrocare जैसी सहायक कंपनियों (Company) के साथ API होल्डिंग्स रेडियोलॉजी (Radiology) टेस्ट, टेलीकंसल्टेशन और चिकित्सा (emergency) उपकरणों और उत्पादों की होम (Home) डिलीवरी से लेकर स्वास्थ्य (Health) सेवाएं प्रदान करती हैं। फर्म (Firm) ने इस साल की शुरुआत (Start) में भारत के सबसे बड़े डायग्नोस्टिक (Diagnostic) टेस्ट प्रदाता थायरोकेयर (Thyrocare) का अधिग्रहण किया था।
कंपनी (Company) का बिजनेस (Business)
ऑपरेशन (Operation) से कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2011 में पिछले (yearly) वर्ष के Rs.668 करोड़ रुपये से बढ़कर Rs.2,335 करोड़ रुपये हो गया। चालू (Regular) वित्त वर्ष की पहली तिमाही में परिचालन से इसका राजस्व Rs.1,197 करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2011 में कंपनी (Company) का नेट लॉस (Loss) पिछले वर्ष के Rs.335 करोड़ रुपये से बढ़कर 645 करोड़ रुपये (Rupya) हो गया। वित्त वर्ष 2021-22 की जून (June) तिमाही में, यह आंकड़ा 314 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. FY21 में इसका प्रोफार्मा (Proforma) जीएमवी Rs.787 करोड़ रुपये (,Cr.rupya) था, जबकि Q1FY22 में यह Rs.303 करोड़ रुपये था।