भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार (Monday) को Srei इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) फाइनेंस लिमिटेड एंड Srei इक्विपमेंट फाइनेंस (Finance) लिमिटेड के बोर्ड (Board) को भंग कर दिया है। केंद्रीय (Central) बैंक ने प्रशासक की नियुक्ति (Appoint) करता है। इसके पीछे आरबीआई (RBI) ने गवर्नेंस की चिंताओं और पेमेंट्स (payment) में डिफॉल्ट (Default) को वजह बताया है।
रजनीश शर्मा (Rajnish Sharma) को प्रशासक के तौर पर किया नियुक्त (Appoint)
आरबीआई (RBI) ने एक बयान में कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा (bank of baroda) के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर (general manager) रजनीश शर्मा (Rajnish Sharma) को दोनों NBFCs का प्रशासक नियुक्त (Appoint) किया गया है। इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक (Reserve bank) जल्द दोनों NBFCs के रेजोल्यूशन (Resolutions) की प्रक्रिया को भी शुरू (Start) करेगा। बयान के मुताबिक, प्रक्रिया को इंसोल्वेंसी (Isolovasy) एंड बैंकरप्सी (इंसोल्वेंसी एंड लिक्विडेशन प्रोसिडिंग्स ऑफ फाइनेंशियल (Financial) सर्विस प्रोवाइडर्स (Provides) एंड ऐप्लीकेशन टू Adjudicating अथॉरिटी) रूल्स, 2019 के तहत (Through) किया जाएगा। इसके साथ बयान (Statement) में कहा गया है कि वह प्रशासक को इंसोल्वेंसी रेजोल्यूशन (Esolobisy resolutions) प्रोफेशनल (Professional) के तौर पर नियुक्त (Appoint) करने के लिए NCLT को भी अप्लाई (Apply) करेगा।
Srei ग्रुपv(Group) के पास करीब 15 कर्जदाताओं (Loan holders) के लगभग 18 हजार (hundred) करोड़ रुपये हैं। इन कर्जदाताओं (loan holders) में एक्सिस बैंक, यूको बैंक (yuko bank) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) शामिल (Added) हैं।
आरबीआई (RBI) ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (reserve bank of india) एक्ट, 1934 के सेक्शन 45-IE (1) के तहत (Through) दी गई ताकतों का इस्तेमाल (Use) करते हुए, रिजर्व बैंक ने आज Srei इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SIFL) और Srei इक्विपमेंट (equipment) फाइनेंस लिमिटेड (SEFL) के बोर्ड ऑफ (board) डायरेक्टर्स को भंग कर दिया है, जिसकी वजह (because of) गवर्नेंस की चिंताएं और बताई गई कंपनियों (Company) द्वारा अपने कई पेमेंट के कर्तव्यों को पूरा नहीं कर पाना है।
पिछले साल दिसंबर (December) से संकट में NBFC
कोलकाता (Kolkata) में आधारित NBFC पिछले साल (Last year’s) दिसंबर से मानव संसाधन से जुड़े संकट (Crises) का सामना कर रहा है। करीब 200 से 250 लोगों (people) ने Srei ग्रुप (Group) को छोड़ दिया है, क्योंकि महामारी (Crises) की वजह से आए आर्थिक (economic) संकट ने एसेट और लायबिलिटी (Libelity) के बीच अंतर (Difference) ला दिया है। इसके बाद Srei ग्रुप के कर्जदाताओं (Loan holders) ने अपने बकाये (loan) को रिकवर करने के लिए उसके फाइनेंसेज (Finances) का नियंत्रण (invitation) ले लिया है। उन्होंने शीर्ष स्तर के एग्जीक्यूटिव (executive) की सैलरी को भी 50 लाख रुपये प्रति (rupya)साल तक सीमित कर दिया था, जो इस साल (year) अप्रैल में हटाई गई है।