निम्न मंत्र को प्रथम 1000 बार जपें तथा रोली, चंदन, गोरोचन एवं कपूर सामने पूजा में रखें। उसपर हाथ रखें और जाप करें। फिर सब सामग्री को गाय के दूध में घिस कर, तिलक लगा कर, घर से निकलें। जो कार्य बनने हेतु यह सिद्ध तिलक लगा कर जाएंगे, आपका वह कार्य अवश्य सिद्ध होगा। मंत्र इस प्रकार हैः
‘‘ हीं अमुकं वे व्यमाय स्वाहा।’’
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यह बड़ा ही प्रभावी मंत्र (Mantra) है। अमुकं के स्थान पर जिस व्यक्ति से कार्य लेना हो, उसके नाम का उच्चारण करें।
रात्रि में सोने से पूर्व, 108 साबुत चावल (Sabut Chaval) के दाने ले कर, निम्न मंत्र से चावल अभिमंत्रित करें। फिर उन चावलों को एक पुड़िया में बांध कर सिरहाने रख कर सोएं। स्वप्न में दृश्य नजर आ जाएगा, जिससे कार्य के करने, या न करने का फल ज्ञात हो जाता है।
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मंत्र: नमो भैरवी महासरस्वती महामातंगिनो महात्रिपुरसुन्दरी मम कस्यापि स्वपनं द्र्यय स्वाहा।’’
यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के शुक्रवार (shukrawar) को करें। श्रद्धा का होना परम आवश्यक है। कई बार समझ नहीं आता कि फलां कार्य करें, या नहीं। स्थिति बड़ी विकट हो जाती है। ऐसे में यह अत्यंत लाभकारी है।
पढ़ाई के वक्त नींद का आना
पढ़ाई करते वक्त विशेष कर नींद (Neend) आए और पढ़ाई में मन न लगे, रुकावटें आएं, इसके लिए पूर्व की तरफ सिरहाना कर के सोएं। रोज रामायण के सुंदर कांड के कुछ अंशों का पाठ करना चाहिए। इसके साथ-साथ 5 रत्ती का एक खूबसूरत मोती और 6 रत्ती का मूंगा, चांदी की अंगूठी में जड़वा कर, क्रमशः छोटी अंगुली और अनामिका में धारण करें। पढ़ते वक्त नींद नहीं आएगी तथा इस उपाय से विद्यार्थी परीक्षा में अव्वल आते हैं और समस्त रुकावटें दूर हो जाती हैं।