वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) का सम्बन्ध हमारे सम्पूर्ण जीवन से है। वास्तु दोष (Vastu Dosh) होने पर Carrier, धन, संतान, दाम्पत्य जीवन, संतान की पढ़ाई और उनके विवाह (Shadi) आदि में समस्याएं आने लगती हैं। सब कुछ ठीक होने के बावजूद अगर विवाह (Vivah) योग्य लड़के अथवा लड़की के विवाह (Shadi) में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो तो इसका कारण जन्म कुंडली (janam kundali) में ग्रह दोष (Grah Dosh) या वास्तु दोष (Vastu Dosh in Hindi) हो सकता है।
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1- वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) के अनुसार विवाह (Marriage) योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हैं, उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए। ऐसा होने से उनके विवाह योग (Vivah Yog) में बाधा उत्पन्न होती है।
2- वास्तु के नियमों (Vaastu Shaastra) के अनुसार विवाह (Shadi) योग्य युवक-युवतियों को उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में रहना चाहिए। ऐसा करने से इनके लिए विवाह (Marriage) के प्रस्ताव आने लगते हैं।
3- वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) के अनुसार विवाह (Shadi) योग्य युवक-युवतियों के कमरे एवं दरवाजे का रंग गुलाबी, हल्का पीला या सफेद (चमकीला) हो तो विवाह (Marriage) में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं।
4- यदि मंगल दोष (Mangal Dosh) के कारण किसी के विवाह (Shadi) में विलंब हो रहा है, तो उसके कमरे के दरवाजे का रंग लाल अथवा गुलाबी रखने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है व विवाह (Shadi) प्रस्ताव आने लगते हैं।
5- यदि कोई विवाह (Vivah) योग्य युवक-युवती विवाह (Shadi) के लिए तैयार न हो, तो उसके कक्ष की उत्तर दिशा की ओर क्रिस्टल बॉल कांच की प्लेट अथवा प्याली में रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार (Vaastu Shaastra) ऐसा करने से वह विवाह (Shadi) के लिए मान जाता है।
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6- यदि विवाह (Shadi) प्रस्ताव में व्यवधान आ रहे हों तो विवाह (Vivah) वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो और उन्हें घर का दरवाजा दिखाई न दे। ऐसा करने से बात पक्की होने की संभावना बढ़ जाती है।