संसार में दो तरह के लोग होते हैं। एक वह जो आत्मविश्वास (Self-Confidence) से भरे होते हैं, वे जानते हैं कि सफल (Success) होने तथा जीतने के लिए ही पैदा हुए हैं। दूसरे वे जो डर और शंकाओं (Doubts) से भरे होते हैं, उनका डर उन्हें उसी जगह पर रोके रखता है जहाँ वे हैं, ऐसे लोगों की संख्या भी अधिक होती है। सच्चाई यह भी है कि दुनियाँ में प्रत्येक व्यक्ति सफल (Success) व सुखी होना चाहता है और उसके लिए सभी अपने Leval से प्रयास भी करते हैं, किंतु उनमें से कुछ ही अपने जीवन को सफल (Success) बना पाते हैं। हमारे जीवन में असफल (Success) ताओं के कई कारण हैं- उनमें से एक प्रमुख कारण मन एवं उसकी गुप्त शक्तियों (Secret Powers) का सही उपयोग न कर पाना है। मन का नियम विश्वास का नियम है। अपने मन की कार्यविधि में विश्वास (Confidence in Procedure) करना स्वयं पर विश्वास (Believe in yourself) करना है। मन का विश्वास (Confidence of Mind) और कुछ नहीं, मस्तिष्क का विचार है। सफल (Success) ता तो मन के विश्वास के कारण मिलती है। क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम शाश्वत है। हमारा विचार क्रिया है और इस विचार पर हमारा अवचेतन मन स्वतः प्रतिक्रिया करता है। इसीलिए हमें अपने विचारों पर नजर रखना आवश्यक है। हमारा विश्वास (Believe) जैसा होगा, उसी के अनुरूप हमें सफल (Success) ता मिलेगी। यदि हम बाहरी स्थितियों को बदलना चाहते हैं, तो हमें उनके कारणों को बदलना होगा। कारण को बदल देंगे तो परिणाम अपने आप बदल जाएगा। हर विचार एक कारण हैं और हर परिस्थिति (Situation) परिणाम है। अपने विचारों को बदल देने से, हमारी तकदीर खुद-ब-खुद बदल जाएगी।
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