एक कथा (Story) के अनुसार माता (Mother) पार्वती (Devi Maha Gauri) भगवान शिव (Lord Shiva) को पाने के लिए हजारों सालों तक तपस्या (Austerity) करती रहीं, इस वजह से वह काली हो गयीं। शादी (Marriage) हो जाने के बाद एक बार भगवान शंकर (Lord Shankar) ने मजाक में उन्हें काली कह दिया तो माता (Mother) पार्वती (Mata Parvati) पुनः कैलाश (Kailash) से वापस आकर तपस्या (Austerity) करने लगी।
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एक दिन एक भूखा शेर (Hungry Lion) उनके पास से गुजरा और उन्हें खाने के बारे में सोचने लगा। लेकिन उसने इंतजार करना उचित समझा। देवी की तपस्या (Penance of Goddess) पूरी होने पर उन्हें गोरा होने का वरदान मिला। तब से उन्हें गौरी (Devi Maha Gauri) के नाम से भी जाना जाने लगा। सिंह भी माता (Maha Gauri) के साथ-साथ कई सालों तक तपस्या (Austerity) करता रहा, इससे माता (Mother) ने प्रसन्न होकर उसे अपना वाहन (Vehicle) बना लिया। ज्यादातर देवियों के वाहन (Ladies Vehicle) सिंह (Lion) ही हैं।
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