भूत के साक्षात दर्शन | Bhoot Ke Sakshat Darshan बिल्कुल सच्ची कहानी है । कुछ समय पहले की बात है। एक डॉक्टर (Doctor) थे। जिनका नाम आर. के. गुप्ता था। वे दिल्ली में एक सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में डॉक्टर (Doctor) थे। एक बार वह अस्पताल (Hospital) से घर आ रहे थे। तो रास्ते में जोरो से बारिश होने लगी. और बिजली भी चमकने लगी। लेकिन वह किसी तरह बच बचाकर घर पर आ गए। वह बहुत भीग गए थे। वह अंदर आकर बाथरूम (Bathroom) में कपड़े बदलने गए थे।
कि अचानक जोर से कोई दरवाजा (Door) पीटने लगा। तब उनकी पत्नी ने दरवाजा (Door) खोला कि देखू बाहर कौन आया है। उसने जैसे ही दरवाजा (Door) खोला तो बाहर 19 या 20 साल की लड़की खड़ी थी। वाह जोर-जोर से रो रही थी। और बोली की डॉक्टर (Doctor) साहब को बुलाओ मेरे पिताजी (Father) की हालत बहुत खराब है। जल्दी से चलकर उन्हें देख लें उनकी हालत बहुत गंभीर है।
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डॉक्टर की पत्नी (Doctor’s wife) ने बोला बेटी बैठो। वह कपड़े बदल कर यहीं पर आ रहे हैं। लड़की ने बोला मुझे बैठने का समय नहीं है। डॉक्टर (Doctor) साहब को जल्दी से बुलाओ। इतने में डॉक्टर (Doctor) साहेब शर्ट की बटन बंद करते हुए बाहर आंगन में आ गए। तो लड़की ने झट से पाव पकड़ लिया।
और बोली डॉक्टर (Doctor) साहब आप मेरे पिताजी (Father) को बचा लीजिए वरना वह मर जाएंगे। मैंने बोला कि इतनी रात में मैं घर से बाहर नहीं निकलता। अब तो मानो लड़की सुन्न सी हो गई। तब मैंने बोला चलो चलता हूं। लड़की ने झट से मेरा बैग उठा लिया। मैंने अपनी कार (Car) निकाली और लड़की को बैठने का इशारा किया।
शहर (City) से 5 किलोमीटर दूर एक गांव (Village) था। लड़की गांव (Village) में घुसने के पहले ही एक अलग घर की तरफ मेरा बैग लेकर दौडी और बोली यहीं पर मेरे पिताजी (Father) है। और मैं गाड़ी खड़ी करके अंदर आया तो देखा वहां एक खाट पर एक बुजुर्ग व्यक्ति (Old Person) लेटा हुआ था। उसके सिर के पास दो औरतें खड़ी हुई थी। मैंने उस बुजुर्ग (Old Person) की कलाई की नस पकड़ी तो मुझे बर्फ जैसी ठंडी लग रही थी।
मानो इस व्यक्ति के प्राण पखेरू (Vital Life) कब के उड़ गए हो। लेकिन वह व्यक्ति धीरे-धीरे कुछ बोल रहा था। जो मुझे समझ में नहीं आ रहा था. और उसकी बीमारी भी मुझे समझ नहीं आ रही थी। तो मैंने उसे एक दर्द का इंजेक्शन (Pain Injection) दे दिया.
और दो दवा सुबह लेने को बोला। मैंने दवा का पर्चा (Prescription Medication) जो दो औरतें खड़ी हुई थी। उनके हाथ में दे दिया। फिर वह लड़की मेरा बैग लाकर गाड़ी में रख दिया। मैं घर वापस आ गया। दूसरे दिन जब मैं अस्पताल (Hospital) जाने लगा तो सोचा मरीज (Patient) को देखता चलू। जिसका इलाज मैंने कल रात (Tomorrow Night) में किया था।
जब मैं वहां पर पहुंचा तो देखा वहां कोई घर नहीं था । तब तो मैं चौक गया। तभी गांव (Village) में रहने वाली कुछ औरतें वहां से गुजर रही थी। मैंने पूछा जो कल यहां पर परिवार (Family) था। वह लोग कहां गए। तब वह औरतें मुझे एकटक देखती जा रही थी।
उसमें से एक औरत ने बोला आपकी किस्मत अच्छी है जो आप बच गए । उस बुजुर्ग व्यक्ति (Old Person) का इलाज किया नहीं तो आज आप जीवित ना होते। मैंने पूछा क्यों औरत ने बोला यहां पर कुछ दिन पहले एक परिवार (Family) रहा करता था।
जिसकी ऊपर घर गिरने से सब के सब दबकर मर गए। वह कभी-कभी किसी-किसी को दिखते हैं । लेकिन जब वह लड़की किसी को बुला कर लाती है. और कोई भी डॉक्टर (Doctor) आने से मना कर देता है। तो वह उसको अपने साथ अपनी दुनिया में ले ही जाती है.
और यहां पर खंडहर (Ruins) के अलावा कुछ नहीं है। गांव (Village) से यह कुछ दूरी पर है। कुछ दिन बाद मेरा ट्रांसफर (Transfer) हैदराबाद में हो गया। तो मैंने यह बातें अपने परिवार (Family) को बताई। आज मैं जब भी उस किस्से के बारे में सोचता हूं । तो मेरे हाथ पैर ठंडे हो जाते हैं। दिमाग (Mond) काम करना बंद कर देता है। क्योंकि मैंने साक्षात प्रेतों (Bhoot Ke Sakshat Darshan) को देखा था ।