कुछ खौफनाक चीज़े ऐसी होती हैं जिसका डर हमारे रोम रोम में समा जाता है और उसे भुलाना हमारे लिए मुमकिन नही होता और इसे कहा जाता है “परछाई” Raat ki Dayan ki Kahani.
बर्ष 1970 में एक परिवार में अजीब घटना ने सब को हिला कर रख दिया था। ये Kissa काफी पुरानी है पर है बहुत डरावना और आज मै आपको सुनाने जा रहा हूं।।
किसी गाँव मे निर्मला नाम की एक औरत रहती थी जिसके दो छोटे छोटे बच्चे थे और वो अपने पति तथा बच्चे के साथ उसी गांव में अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतित कर रही थी पर एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया।
हुआ यूं कि एक रात गांव में बहुत तेज़ आंधी आयी, आंधी इतनी तेज थी कि कई के झोपड़े उड़ गए, बड़े बड़े पेड़ टूट कर इधर उधर बिखर गए, गांव में हर व्यक्ति को हानि हुआ किसी के घर टूट गए तो किसी के फसलों को नुकसान हुआ।।
आंधी जब शांत हुई और जब सुबह हुई तो गांव का हाल बेहाल हो गया था। सब कुछ तबाह हो गया था आज तक इससे पहले ऐसी तेज़ आंधी कभी नही आई थी इस गांव में, जिनके जिनके सामान बर्बाद हुए उन्होंने काफी बिलाप किया क्यों कि उनका बहुत कुछ बर्बाद हो चुका था।
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एक बात अजीब थी कि गांव में थोड़ा बहुत हर किसी का हानि हुआ पर निर्मला के घर एक आंच तक नही आई जो कि ये एक अजीब बात थी।
इस घटना के 1 हफ्ते बाद जब कुछ गांव में सामान्य होने लगा तभी निर्मला ने कुछ अजीब सी बात गौर फरमाई, एक दिन निर्मला तेज़ धूप में जब घर से बाहर निकली तो उसने गौर किया कि उस कड़ी धूप में उसकी परछाई नही बन रही है।
पहले तो उसे यकीन ही नही हुआ पर जब वो उसी धूप चलते हुए अन्य व्यक्ति को देखी तो उसे यकीन हो गया।
क्यों कि हर व्यक्ति की परछाई (Raat ki Dayan ki Kahani) तो सामान्य रूप बन रही थी पर निर्मला की परछाई बिल्कुल नही बन रही थी।
निर्मला बहुत घबरा गई कि आखिर ये कैसे मुमकिन हो सकता है कि मेरी परछाई ही ना बने, उसने जब ये बात अपने पति को बतायी तो उनलोगों को निर्मला की बातों पर यकीन नही हुआ।
पर जब निर्मला अपने साथ धूप में ले जाकर ये दिखाती तो उनके होश उड़ जाते हैं सचमुच में उसकी परछाई नही बन रही थी।
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निर्मला एवं उसके पति ने यही सोचा कि इस बात की भनक किसी को भी नही लगने देंगे वरना गांव वाले उन्हें शायद डायन समझ जान से मार देते और इसी डर से उन्होंने इस बात को किसी को भी नही बतायी।
निर्मला इस बात को औरों से तो छिपा ली पर अपने आप मे घुट रही थी। निर्मला की रातों की नींद उड़ गई थी उसे हर वक्त ऐसा लगता था कि उसके शरीर से प्राण निकल गए हों, दिन में तो निर्मला की परछाई (Raat ki Dayan ki Kahani) नही बनती थी पर रात के अंधेरे में उसे कई सारी परछाई अपने आसपास घूमती हुई नजर आती थी।
निर्मला को लगा कि आखिर इतनी सारी परछाई किसकी है , ये जानने के लिए वो अपने आखों को छूने लगी , तभी वहां मौजूद सारी परछाई भी अपने आखों को छूने लगी। और वहां मौजूद सारी परछाई निर्मला की ओर बढ़ने लगी, और उन सब को अपनी ओर बढ़ते देख निर्मला डर से बेहोश हो गयी।
पर तभी वहां उसके पति आकर निर्मला को बेहोश देख उसके चेहरे पे पानी की छीटें मारतें हैं जिस से निर्मला होश में आ जाती है। होश में आने के बाद वो सारी बात अपने पति को बताती है जिसके बाद वे लोग फैसला लेते हैं की कल रात वो इस गांव को छोड़ कर चले जायेंगे।
कहावत है कि दीवार की भी कान होती है और ये बात बिल्कुल सच साबित हुई पता नही कैसे इस बात की भनक गांव वालों को लग गयी थी।
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और अगली ही सुबह सभी गांव वाले एकजुट हो कर निर्मला के घर आ धमके, उन्होंने ने निर्मला से कहा कि तुम बाहर आओ और इस धूप में खड़ी हो जाओ और ये अगर ये बात सच निकली तो हम तुम्हे जीवित छोडेंगे।
निर्मला डर से रोने लगी वो जानती थी कि आज उसकी मौत तय है। लोगों ने उसे धूप खड़ा किया तो देखा कि सच मे उसकी परछाई नही बन रही थी। वहां मौजूद सारें गांव वालों के होश उड़ गए वे सब समझ गए थे कि ये कोई डायन (Raat ki Dayan ki Kahani) है।
उन्होंने निर्मला को जान से मारने का फैसला किया , और गाँव वालों ने उसे जिंदा ज़मीन में दफन करने का फैसला लिया। निर्मला रो रो कर यही कहे जा रही थी कि मैं कोई डायन नही हूँ मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं मुझे मत मारो, पर गांव वालों ने उसकी एक भी नही सुनी और उसे ज़िंदा ज़मीन में दफन कर दिया, बिरोध करने पर उसके पति को भी लोगों ने काफी मारा, फिर उसी रात उस गांव में बहुत तेज़ आंधी आयी सब कुछ टूट कर इधर उधर बिखर रहे थे।
तभी निर्मला के पति निर्मला की कब्र के पास पहुँच गए और उसे खोदने लगे, तेज़ आंधी में उस कब्र को खोदना काफी मुश्किल हो रहा था क्यों कि उड़ कर धूल मिट्टी आखों में पड़ रहे थे। पर वे लगातार उस कब्र को खोदे जा रहे थे। थोड़ी ही देर में निर्मला की लाश उन्हें दिखी और उन्होंने उसे उस कब्र से बाहर निकाल लिया,
उन्होंने देखा कि निर्मला की साँसे अभी तक चल रही थी वो जीवित थी और अचानक वो उठ खड़ी हुई। ये देख निर्मला के पति के होश उड़ गए उन्हें लगा कि आखिर ये कैसे हो सकता है। मैं तो उसकी लाश को यहां से के कर जाना चाहता था पर निर्मला तो मुझे जीवित मिल गयी।
उन्होंने उसी रात इस गांव को छोड़ कर जाने का फैसला किया, और जाते जाते निर्मला ने ये श्राप दिया कि आज के बाद इस गांव पे आत्माओं का डेरा होगा जो एक एक कर के हर व्यक्ति को मार डालेगा,
और आज भी वो गांव वीरान पड़ी है सब कुछ तबाह हो गया और किसी को भी ये नही पता चला कि आखिर निर्मला अपने पति एवं बच्चे के साथ कहाँ चली गयी जो कि अभी तक ये रहस्य (Raat ki Dayan ki Kahani | परछाई | Ghost Story in Hindi) बना हुई है।
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