Thursday, September 21, 2023
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हाई रिस्क प्रेग्नन्सी | High risk pregnancy

रिसर्च (Research) के अनुसार ये कहा गया है कि उम्र 30  हो जाने के बाद गर्भ (Pregnancy) धारण करना बहुत मुश्किल होता है इस उम्र में बच्चो (children) का जन्म देना बहुत ही रिस्की (risky) होता है, ऐसे टाइम पर कुछ महिलाए (women) अपने सेहत पर बिलकुल ध्यान नहीं देती है ,जिसके चलते उनको कई कठिनाइयो (Difficulty)  का सामना करना पड़ता है ,जैसे खून की कमी (Blood) और आयरन (Iron) की कमी जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता हैं | जिससे हाई रिस्क (high risk) का खतरा होता है | प्रेग्नेंसी (pregnancy) के टाइम औरतो (women) को हीमोग्लोबिन (hemoglobin) की कमी , ब्लड प्रेशर (blood pressure) , डॉयबटीज (Diabetes) जैसी का सामना कठिनाइयो  करना पड़ता है|

हाई प्रेगनेंसी का  कारण

  • ज्यादा मोटापा भी इसका कारण है | Too much obesity is also the reason
  • शरीर में ब्लड की कमी | lack of blood in the body
  • मिस्कैरेज हो जाना | miscarry
  • शरीर में पहले से कोई बीमारी होना |pre-existing disease
  • आवश्कता से ज्यादा दवाइयों का सेवन | overdose of medicines

अगर आपको हाई रिस्क प्रेग्नन्सी (High risk pregnancy) प्रॉब्लम (Problem) है, तो आपको और शिशु (baby) दोनों को ही इस परेशानी का समाना करना पड़ेगा, इसीलिए फैमिली प्लानिंग (family planning) के पहले आप अपने सेहत (Health) का अच्छे  से जांच करा ले|

प्रेगनेंसी में डाइट | Diet during pregnancy

शिशु को मनीषिक और शारीरिक (psychic and physical) रूप से बिकत्सित करने के लिए आपको प्रोटीन (protein) वाली चीजे ही खानी चाहिए| जिससे शिशु (baby) को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़ेगा| हाई रिस्क प्रेगनेंसी (High risk pregnancy) होने पर , एक बार आप डॉक्टर (Doctor) का सलाह जरूर ले, कि कितना प्रोटीन (protein) चाहिए | आपको हाई रिस्क प्रेगनेंसी (High risk pregnancy) है ,तो प्रोटीन में अंडा (Egg) , दूध (Milk) , मसूर की दाल (Masur lentils) और सोयाबीन (Soybean) इस टाइप की चीजे ले सकते है | इस तरह की प्रोटीन (protein) युक्त आहार का सेवन करने से गर्भविधि (Pregnancy) में कोई कठिनाई नहीं आएगी|

शिशु के मानसिक और शारीरक (psychic and physical) रूप से स्वस्थ (Healthy) रखने के लिए आप साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं , जिसमे बिटामिन बी (Vitamin B) , मिनरल्स (minerals) और  फाइबर (fiber) आदि होते हैं | हाई रिस्क प्रेगनेंसी (High risk pregnancy) में कुछ पोषक तत्व (Nutrients) वाली चीजों का सेवन करें , जिससे शिशु को ताकत (Strength) और ऊर्जा (energy) प्राप्त हो |आप हाई रिस्क प्रेगनेंसी (High risk pregnancy) में रिफायन कार्बोहाइड्रेट्स (refined carbohydrates) जैसे जंक फूड्स (junk foods) से परहेज करना चाहिए | इसके जगह आप फायदे वाली चीजे का सेवन करें जैसे दलिया (Porridge) ,ओट्स (oats) ,बाजरा (Millet) और गेहू (wheat) अदि | 

शरीर को ज्यादा से ज्यादा हइड्रेटेड (Hydrated) रखे | डाइट (diet) में आप ताजे फ्रूट्स (Fruits) ,हरी सब्जिया (green vegetables) ले , पानी (Water) , नारियल पानी (coconut water) और जूस (juice) ले , ये लेने से कब्ज  जैसी परेशानियो का सामना नहीं करना पड़ेगा| इसका सलाह डॉक्टर भी देता है| प्रेगनेंसी (pregnancy) में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव होगा, और साथ में दही (Curd) , दूध (Milk), और पनीर (A kind of cheese) का सेवन करें जिससे आपकी हड़िया (bones) मजबूत रहेंगी ,और साथ साथ शिशु का भी अच्छे से ग्रोथ (Growth) होगा|

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