ऑनलाइन मार्केटिंग क्या है | Online Marketing Kya hai
1). ऑनलाइन मार्केटिंग का मतलब/अर्थ | Online Marketing Ka Matlab
2). बिजनेस को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग क्यों जरूरी है | Why e-Marketing is so important
3). इंटरनेट मार्केटिंग के फायदे | Benefits of e-marketing in Hindi
- इंटरनेट मार्केटिंग (Internet Marketing) के जरिए हम आसानी से एक narrowly targeted audience तक पहुँच सकते हैं यानि सिर्फ उन्ही लोगों तक अपनी marketing कर सकते हैं जो हमारे products या services में interested हैं।
- ऑफ़लाइन मार्केटिंग जिसे traditional marketing भी कहते हैं, बहुत ज्यादा खर्चीली मार्केटिंग होती है। इसमें जब तक काफी अच्छा पैसा नहीं लगाया जाता है तब तक नतीजे मिलने के chances लगभग ना के बराबर होते हैं। वहीं दूसरी तरह online marketing के साथ ऐसा नहीं है। इसे आप 50 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं और इसमें नतीजे भी अक्सर traditional marketing की तुलना में बेहतर निकलते हैं।
- ऑनलाइन मार्केटिंग की tracking और analysis भी बहुत ज्यादा आसान होता है। पारंपरिक मार्केटिंग में यह पता लगाना काफी मुश्किल होता है कि हमारे marketing campaign ने किस तरह से काम किया। जबकि e-marketing में हमारे पास ऐसे tools मौजूद होते हैं जिनकी मदद से हम आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि हमारा marketing campaign कितना सफल रहा।
- मार्केटिंग के पुराने तरीकों से marketing करने पर लोगों कुछ दिनों तक ही हमारे brand के बारे में देख-सुन पाते हैं जबकि अनलाइन मार्केटिंग के साथ ऐसा नहीं है। ऑनलाइन मार्केटिंग से हमारी Online Following में इजाफा होता है जिससे हम उन्हें Marketing Campaign खत्म हो जाने के बाद भी reach out कर सकते हैं।
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4). इंटरनेट मार्केटिंग से जुड़े कुछ प्रमुख शब्द | e-Marketing Glossary in Hindi
1. ROI (Return On Investment)- आरओआई यानि जितना % पैसा आपने marketing करने में लगाया उससे आपको कितना % फायदा हुआ। उदाहरण (Examples) के तौर पर अगर आपने अपने बिजनेस का प्रचार करने में 1000 रुपए खर्च किये और इसके द्वारा आने वाले customers से आपको 2000 रुपए का फायदा हुआ तो इसका मतलब है कि आपका ROI 100% है।
2. PPC (Pay Per Click)- यह ऑनलाइन मार्केटिंग के Advertisting Model से जुड़ा एक शब्द है। आप एक ad पर click होने के बदले गूगल को कितना पैसा देना चाहते हैं उसे पीपीसी कहते हैं। और गूगल एक क्लिक के बदले ब्लॉगर को आपकी PPC में से जितना पैसा देता है उसे CPC यानि Cost Per Click बोलते हैं।
3. SEO (Search Engine Optimization)- अक्सर गूगल में जितने पहले कोई वेबसाइट (Website) दिखती है उतने ही ज्यादा लोग उस पर आते हैं। गूगल में अपनी website को बिना किसी ad के पहले show करवाने के लिए जिन techniques का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें SEO कहते हैं।
4. CTR (Click Through Rate)- जब आप अपने बिजनेस का ad लगाते हैं तो बहुत सारे लोग सिर्फ आपका ad देखते हैं जबकि कुछ लोग उसपे क्लिक करते हैं। लोगों का वह % जो आपके ad पर क्लिक करता है CTR कहलाता है।
मान लीजिए कि आपका विज्ञापन 100 लोग देखते हैं। अब अगर इन सौ लोगों में से 1 आदमी आपके ad पर क्लिक करता है तो इस condition में आपका सी.टी.आर 1% माना जाएगा।
5. Ad Impressions- जितने लोग आपका advertisment देखते हैं उसे Impression बोलते हैं।
6. Keyword- आप जिस तरह का बिजनेस करते हैं यानि आपके बिजनेस (Business) का जो टॉपिक है आम भाषा में उसे ही कीवर्ड कहा जाता है।
7. SEM (Search Engine Marketing)- जिस तरह SEO हमारी वेबसाइट (Website) को गूगल के टॉप में rank कराने में हमारी मदद करता है उसी तरह SEM से भी हम अपनी वेबसाइट (Website) को गूगल में लोगों को सबसे पहले दिखा सकते हैं। इन दोनों में फरक बस इतना है कि SEO करने में वक्त लगता है लेकिन पैसा नहीं और SEM करने में पैसा लगता है वक्त नहीं!
8. Backlink- जब कोई दूसरी वेबसाइट (Website) हमारी वेबसाइट (Website) का link देती है तो उसे बैकलिंक बोलते हैं। बैकलिंक्स गूगल में अपनी वेबसाइट (Website) को organically rank कराने के लिए बेहद जरूरी हैं।
9. CPM (Cost Per Thousand Impressions)- जब हमारा ad लोगों द्वारा हजार बार देखा जाता है तो जितना पैसा हमें publisher को देना होता है उसे CPM कहते हैं। RPM (Revenue Per 1000 Impressions) ही इसी चीज से जुड़ी एक term है।
5). ऑनलाइन मार्केटिंग के प्रकार | Types of Internet Marketing in Hindi
1. कंटेन्ट मार्केटिंग | Content Marketing
2. विडियो मार्केटिंग | Video Marketing
3. सोशल मीडिया मार्केटिंग | Social Media Marketing
4. अफिलीएट मार्केटिंग | Affiliate Marketing
5. पे पर क्लिक मार्केटिंग | Pay Per Click Marketing
जब हम अपने ad पर क्लिक होने के बदले पब्लिशर को भुगतान करते हैं तो इसे Pay Per Click या PPC Marketing कहते हैं। गूगल Ads और Media.net इसी मार्केटिंग मोडल पर आधारित services हैं।
6. ईमेल मार्केटिंग | Email Marketing
लोगों के email collect करके उन्हें मेल भेजकर मार्केटिंग करने के तरीके को email मार्केटिंग कहते हैं।
आपने अक्सर देखा होगा कि जब आप किसी वेबसाइट (Website) पर जाते हैं तो वहाँ पर आपको email से सबस्क्राइब करने को कहा जाता है। अगर आप वहाँ पर अपना email डाल देते हैं तो फिर आपको उनकी नई पोस्टों के साथ ही promotional mails भी आने लगते हैं। यही ईमेल मार्केटिंग है।
7. पॉडकास्ट मार्केटिंग | Podcast Marketing
पोड़कासटों के जरिए मार्केटिंग करने की technique को पॉडकास्ट मार्केटिंग (Podcast marketing) कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में podcast marketing में जबरदस्त उछाल आया है। अब तो गूगल videos के जैसे ही podcasts को भी अपने सर्च में वरीयता देने लग गया है।
6). बिजनेस की ऑनलाइन मार्केटिंग कैसे करें | Business Ki Online Marketing Kaise Kare
- बिजनेस को ऑनलाइन promote करने के लिए यह जरूरी है कि पहले आपको पता हो कि आप marketing क्यों करना चाहते हैं। मार्केटिंग करने का आपका उद्देश्य क्या है। क्या आप किसी चीज को बेचने के लिए marketing कर रहे हैं। क्या आप email करने के लिए marketing कर रहे हैं या फिर आपके मार्केटिंग करने का उद्देश्य brand awareness फैलना है। आपका लक्ष्य चाहे जो भी हो उसके प्रति बिल्कुल स्पष्ट रहें।
- एक बार जब आप अपने लक्ष्य को पूरी तरह निर्धारित कर लें तो फिर बारी आती है- टारगेट ऑडियंस चुनने की। इसमें आपको यह पता लगाना है जिस चीज की आप मार्केटिंग करने वाले हैं उसे किस तरह के लोग पसंद करते हैं। क्या वह लड़कियों से related चीज है या फिर लड़के उसे ज्यादा पसंद करते हैं। किस उम्र और किस location के लोग उसे खरीदना ज्यादा पसंद करेंगे। ये सारी चीजें आपको decide करनी हैं।
- इसके बाद आपको मार्केटिंग करने के लिए सही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तलाश करनी है। बेहतर होगा कि आप ऐसा platform चुनें जिसे आपकी targeted audience सबसे ज्यादा use करती है। जैसे fashion & cosmetics से जुड़े businesses के लिए Intagram एक शानदार platform है।
- इसके बाद आपको अपने online marketing campaign से जुड़ी चीजों को decide करना है। मसलन, आपके पास कितना budget है। आप अपना campaign कितने समय के लिए चलना चाहते हैं। आप कितनी PPC bid लगाना चाहते हैं।
- इसके बाद आपको अपनी वेबसाइट (Website) और social profile अच्छे तरीके से optimize कर देनी है। ताकि जब ad click करने के बाद लोग आपकी वेबसाइट (Website) पर आए तो वे आपकी वेबसाइट (Website) से impress हुए बिना न रह सके।
- इसके बाद आपको अपना online marketing campaign शुरू कर देना है।
- आखिरी step आता है विश्लेषण का। एक बार जब आप अपने ads लगा लेते हैं तो फिर उनकी performance को track और analyse करना होता है। इससे हमें पता चलता है कि क्या हमारा campaign सही से काम कर रहा है या उसमें कोई problem है। अगर कोई problem है तो क्या है और उसे कैसे ठीक करना है। ये सारी चीजें tracking & analaysis से पता चलती हैं।
7). भारत की टॉप ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियां | Top Online Marketing Companies in India
- वेबचटनी (WebChutney)
- सीआईएस (CIS)
- आईप्रिज़्म (iPrism)
8). बेस्ट ऑनलाइन मार्केटिंग टूल्स | Best Online Marketing Tools in Hindi
- गूगल ऐडवर्ड (Google Ads)
- मेलचिम्प (MailChimp)
- बज़सूमों (BuzzSumo)
- बफर (Buffer)
9). ऑनलाइन मार्केटिंग कोर्स क्या है | Online Marketing Course Kya hai
ऑनलाइन मार्केटिंग कोर्स कैसे करें | Online Marketing Course Kaise Kare
ऑनलाइन मार्केटिंग में करियर बिजनेस और जॉब्स | Career Business and Jobs in Online Marketing
ऑनलाइन मार्केटिंग का भविष्य | Future Of Online Marketing in Hindi
1. डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग में क्या अंतर है | Digital Marketing vs Online Marketing
1. ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग | Offline Digital Marketing in Hindi
इसमें TV Ads, Radio Commercials, Phone SMS Marketing, Phone Call Marketing और e-billboard जैसी चीजें आती हैं।